शेयर बाज़ार/ स्टॉक मार्केट क्या होता है ?

शेयर बाज़ार/ स्टॉक मार्केट क्या होता है ?
source- social media

एक शेयर बाजार, इक्विटी बाजार, या शेयर बाजार शेयरों के खरीदारों और विक्रेताओं (जिन्हें शेयर भी कहा जाता है) का एकत्रीकरण है, जो व्यवसायों पर स्वामित्व के दावों का प्रतिनिधित्व करते हैं; इनमें सार्वजनिक स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध प्रतिभूतियां शामिल हो सकती हैं, साथ ही स्टॉक जो केवल निजी तौर पर कारोबार किया जाता है, जैसे कि निजी कंपनियों के शेयर जो निवेशकों को इक्विटी क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से बेचे जाते हैं। निवेश आमतौर पर निवेश की रणनीति को ध्यान में रखकर किया जाता है।

शेयर बाज़ार एक ऐसा बाज़ार है जहाँ कंपनियों के शेयर खरीदे-बेचे जा सकते हैं। किसी भी दूसरे बाज़ार की तरह शेयर बाज़ार में भी खरीदने और बेचने वाले एक-दूसरे से मिलते हैं और मोल-भाव कर के सौदे पक्के करते हैं। पहले शेयरों की खरीद-बिक्री मौखिक बोलियों से होती थी और खरीदने-बेचने वाले मुंहजबानी ही सौदे किया करते थे। लेकिन अब यह सारा लेन-देन स्टॉक एक्सचेंज के नेटवर्क से जुड़े कंम्प्यूटरों के जरिये होता है। इंटरनेट पर भी यह सुविधा मिलती है। आज स्थिति है कि खरीदने-बेचने वाले एक-दूसरे को जान भी नहीं पाते।

एक प्रकार से देखे तो यहाँ पे शेयरों की नीलामी होती है। अगर किसी को बेंचना होता है तो सबसे ऊंची बोली लगाने वाले को ये शेयर बेंच दिया जाता है। या अगर कोई शेयर खरीदना चाह्ता है तो बेचने वालो मे से जो सबसे कम कीमत पे तैयार होता है उससे शेयर खरीद लिया जता है। शेयर मन्डी (जैसे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज या नैशनल स्टॉक एक्सचेंज इस तरह कि बोलियाँ लगाने के लिये ज़रूरी सभी तरह कि सुविधाये मुहैया कराते है। सोचिये, एक दिन मे करोड़ो शेयरों का आदान-प्रदान होता है। कितना मुश्किल हो जाये अगर सभी कारोबारियों को चिल्ला चिल्ला के ही खरीदे और बेंचने वालो को ढूंढ्ना हो। अगर ऐसा हो तो शेयर खरीदना और बेंचना कमोबेश असम्भव हो जायेगा। शेयर मन्डियाँ इस काम को सरल और सही ढंग से करने का मूलभूत ढांचा प्रदान करती है। कई प्रकार के नियम, कम्प्यूटर की मदत, शेयर ब्रोकरइंटर्नेट के मध्यम से ये मूलभूत ढांचा दिया जाता है। असल मे शेयर बाज़ार एक बहुत ही सुविधाजनक सब्ज़ी मंडी से ज़्यादा कुछ भी नही है।

कुछ साल पहले तक बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज मे सीधे खरीद परोख्त करनी पड़ती थी। पिछ्ले कुछ सालो से कम्प्यूटरो और इंटरनेट के माध्यम से कोई भी घर बैठे शेयर्स को ऑनलाइन खरीद और बेंच सकता है। सूचना क्रांति का ये एक उत्कृष्ट नमुना है। जो काम पहले कुछ पैसे वाले लोग ही कर सकते थे अब वो सब एक आम आदमी भी कर सकता है।

शेयर बाज़ार को दो वर्गों में बांटा जाता है

पहला प्राइमरी मार्केट

दूसरा सेकेंडरी मार्केट;

प्राइमरी मार्केट में कंपनियां स्टॉक एक्सचेंज में पहली बार सूचीबद्ध होती है और अपने शेयर जारी करती हैं। कंपनियां आईपीओ (इनिशियल पब्लिक आफरिंग) के जरिए अपने शेयर पहली बार शेयर बाज़ार में इशू करती हैं और बाजार से पूंजी जुटाने का प्रयास करती है।

सेकेंडरी मार्केट को एक्सचेंज ट्रेडेड मार्केट भी कहते हैं। यह एक रेगुलर मार्केट है, जहां पर कंपनियों के शेयर्स की ट्रेडिंग रेगुलर बेसिस पर होती है। निवेशक शेयर ब्रोकर के माध्यम से स्टॉक एक्सचेंज में अपने ट्रेडिंग ऑर्डर्स को पूरा करते हैं।

आजकल सभी शेयर डीमटीरीअलाइज़ होते है। शेयरो के अलावा निवेशक भारतीय म्यूचुअल फंड मे भी पैसा लगा सकते है।

आम ग्राहक को किसी डीमैट सर्विस देने वाले बैंक मे अपना खाता खोलना पडता है। आजकल कई बैंक जैसे आइसीआइसीआइ, एच डी एफ सी, भारतीय स्टटे बैंक, एक्सिस बैंक, इत्यादि डीमैट सर्विस देते है। इस तरह के खाते की सालाना फीस 500-800 रु तक होती है।

शेयर बाज़ार किसी भी विकसित देश की अर्थ्व्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते है। जिस तरह से किसी देश, गाँव या शहर के विकास के लिये सडके, रेल यातायात, बिजली, पानी सबसे ज़रूरी होते है, वैसे ही देश के उद्योगों के विकास के लिये शेयर बाज़ार ज़रूरी है। उद्योग धंधो को चलाने के लिये पूंजी चहिये होता है। ये उन्हे शेयर बाज़ार से मिलता है। शेयर बाज़ार के माध्यम से हर आम आदमी बडे़ से बडे़ उद्योग मे अपनी भागिदारी प्रदान कर सकता है। इस तरह की भागीदारी से वो बड़े उद्योगों मे होने वाले मुनाफे मे बराबर का हिस्सेदार बन सकता है। मान लीजिये, अगर किसी भी नागरिक को ये लगता है कि आने वाले समय मे रिलायंस या इंफोसिस भारी मुनाफा कमाने वाली है, तो वह इस कम्पनियों के शेयर खरीद के इस मुनाफे मे भागीदार बन सकता है। और ऐसा करने के लिये तो व्यवस्था चाहिए वो शेयर बाज़ार प्रदान करता है। एक अछा शेयर बाज़ार इस बात का ख्याल रखता है कि किसी भी निवेशक को बराबर का मौका मिले।

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज व नैशनल स्टॉक एक्सचेंज के अलावा देशभर मे 27 क्षेत्रीय स्टॉक एक्सचेंज है।

शायद आपको ये पता ना हो के साल 2022 मे नवम्बर माह तक भारत मे तकरीबन 10.6 करोड़ लोगों के पास डीमैट अकाउंट है और ये संख्या दिनों दिन बड़ती जा रही है और अभी हाल ही मे 2022 मे भारत ने UK को शेयर बाजार मे पीछे छोड़ दिया है जहा UK की मार्केट $3.19 trillion की है वही भारत की $3.21 trillion है और अब भारत शेयर बाजार मे पूरी दुनिया मे 3 नंबर पे है

शेयर बाज़ार का उद्देश्य /उपयोग क्या है ?

कंपनियों के पास पैसे जुटाने के कुछ महत्वपूर्ण स्थान में शेयर बाजार भी है। इसमें कंपनियाँ अपने कंपनी का कुछ हिस्सा शेयर बाजार में आईपीओ जारी कर रखते हैं। इससे उन्हें हिस्सेदारी देने के बदले पैसे मिलते हैं। इन पैसों को कंपनियों को वापस लौटाने की जरूरत नहीं होती है और कंपनियाँ पैसों का उपयोग अपने तरक्की में ही करते हैं, न कि डेब्ट (ऋण) की रकम जमा करने में, जिसमें उन्हें वो पैसे तो देने ही होते हैं, पर साथ ही ब्याज भी देना होता है।

इसके अलावा यदि कोई कंपनी पब्लिक हो जाती है तो उसके शेयर का शेयर बाजार में ट्रेड शुरू हो जाता है, जिसके बाद कंपनी चाहे तो कभी भी अपने और स्टॉक को बाजार में बेच सकती है, जिससे उसे आगे भी आसानी से पैसे मिल जाते हैं। हालांकि हर स्टॉक उस कंपनी के मालिकाना हक प्रदान करता है, इस कारण कंपनियाँ अपने कुछ ही प्रतिशत हिस्से को पब्लिक करते हैं।

शेयर बाजार में किसी स्टॉक के दाम को शुरुआत में कंपनी तय करती है, जिसके बाद लोगों के द्वारा ट्रेड के द्वारा इसका दाम घटता और बढ़ता है। किसी स्टॉक का कितना दाम होना चाहिए, यह आमतौर पर कंपनी के भविष्य में होने वाले लाभ के आसार के साथ साथ उस देश की महंगाई, अर्थव्यवस्था पर भी निर्भर करती है।

शेयर बाज़ार क्रेश होना क्या है?

source -money control

शेयर बाजार में क्रैश उसके भाव में काफी तेजी से गिरावट होने को कहते हैं। इसका सबसे बड़े कुछ कारणों में कंपनी का बेकार प्रदर्शन और उसके भविष्य में नुकसान होने की आशंका आदि हैं। कई बार लोगों में किसी स्टॉक के लिए भरोसा उत्पन्न हो जाता है, जिससे उसके दाम में काफी बढ़ोत्तरी होने लगती है, और जब लोगों का भरोसा उससे हट जाता है, तो उसके दाम में भी गिरावट हो जाती है और निवेश करने वालों के लाखों करोड़ों रुपये डूब भी जाते हैं।

कई सारे क्रैश में कुछ चुनिंदा क्रैश 1929 में वाल स्ट्रीट क्रैश, 1973 का क्रैश, 1987 का ब्लैक मंडे आदि हैं, जिसने लाखों लोगों का पैसा डूबा दिया।

author

Leave a Reply

Your email address will not be published.

ASIA CUP INDAIN TEAM TOP 5 BOLLYWOOD MOVIES BASED ON STOCK MARKET.